दीपक जलाने में यह एक गलती हो सकती है भारी! वास्तु के अनुसार इस दिशा में रखना है वर्जित

वैदिक परंपरा में दीपक जलाने का विशेष महत्व है। यह केवल रोशनी का स्रोत नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और नकारात्मकता पर सकारात्मकता की विजय का प्रतीक माना जाता है। घर में नियमित दीपक जलाने से वातावरण शुद्ध होता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। मगर, वास्तु शास्त्र यह भी सिखाता है कि इसका पूरा लाभ पाने के लिए दीपक की दिशा का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। गलत दिशा में रखा गया दीपक अशांति का कारण भी बन सकता है।

तो चलिए, आज बात करते हैं उस विशेष दिशा की, जहाँ दीपक रखने से बचना चाहिए।

सबसे महत्वपूर्ण नियम: दक्षिण दिशा में कभी न रखें जलता दीपक

वास्तु विशेषज्ञों के अनुसार, घर की दक्षिण दिशा में जलता हुआ दीपक नहीं रखना चाहिए। इसके पीछे मुख्य कारण यह है कि दक्षिण दिशा को दक्षिणी ध्रुव या ‘यम’ की दिशा माना जाता है, जो गंभीरता और परिवर्तन का प्रतीक है।

मान्यता है कि इस दिशा में दीपक की लौ नकारात्मक ऊर्जाओं को सक्रिय कर सकती है, जिससे:

  • घर में तनाव और अशांति का माहौल बन सकता है।

  • पारिवारिक सदस्यों को मानसिक बेचैनी या चिंता का सामना करना पड़ सकता है।

  • आर्थिक नुकसान या धन के मार्ग में अवरोध पैदा हो सकते हैं।

इसीलिए, किसी भी शुभ कार्य, विशेषकर दीप प्रज्वलन के लिए दक्षिण दिशा से परहेज करने की सलाह दी जाती है।

सवाल: तो फिर दीपक किस दिशा में जलाएं?

जवाब: सबसे शुभ और फलदायी दिशा है उत्तर दिशा

उत्तर दिशा को धन के देवता कुबेर की दिशा माना जाता है। इस दिशा में दीपक जलाने से घर में सुख-समृद्धि और समृद्धि का वास बना रहता है। ऐसा माना जाता है कि इससे धनागमन के रास्ते खुलते हैं और परिवार पर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा, पूर्व दिशा (सूर्योदय की दिशा) में भी दीपक जलाना अत्यंत शुभ माना जाता है, क्योंकि यह नई शुरुआत, ऊर्जा और स्वास्थ्य का प्रतीक है।

दीपक जलाते समय इन बातों का भी रखें ध्यान (वास्तु टिप्स)

सिर्फ दिशा ही नहीं, कुछ और छोटे-छोटे नियमों का पालन करने से दीपक का लाभ कई गुना बढ़ जाता है:

  1. शुद्ध सामग्री का Use करें: दीपक जलाने के लिए शुद्ध देसी घी या तिल का तेल सर्वोत्तम माना जाता है। इनसे निकलने व धुआं वातावरण को शुद्ध करने में मददगार माना जाता है।

  2. निश्चित स्थान: दीपक को हमेशा घर के पूजा घर या एक निश्चित पवित्र स्थान पर ही जलाएं।

  3. बुझने न दें: दीपक को अपने आप बुझने न दें। शाम को लगाए गए दीपक को रात में सोने से पहले विधिवत बुझा देना चाहिए।

  4. साफ-सफाई: दीपक जलाने से पहले उसकी बत्ती और स्थान की अच्छे से सफाई कर लें।

इन छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आप दीपक की पवित्र लौ से घर में सकारात्मकता, शांति और समृद्धि का आह्वान कर सकते हैं।

Google Search: “People Also Ask” के जवाब

सवाल: क्या शौचालय या बाथरूम के पास दीपक रख सकते हैं?
जवाब: नहीं, वास्तु और साफ-सफाई के हिसाब से शौचालय या बाथरूम के आस-पास दीपक जलाना उचित नहीं माना जाता। दीपक को हमेशा एक पवित्र और स्वच्छ स्थान पर ही रखना चाहिए।

सवाल: काला दीपक जलाना शुभ है या अशुभ?
जवाब: सामान्य तौर पर, पूजा-अर्चना के लिए सफेद, लाल, पीले या सोने जैसे रंग के दीपकों को शुभ माना जाता है। काले रंग के दीपक का उपयोग विशेष तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है, इसलिए घर की सामान्य सकारात्मक ऊर्जा के लिए इनके इस्तेमाल से बचने की सलाह दी जाती है।

सवाल: टूटा हुआ दीपक इस्तेमाल करना चाहिए?
जवाब: बिल्कुल नहीं। टूटा-फूटा दीपक अशुभ माना जाता है। पूजा में इस्तेमाल होने वाली हर वस्तु पूर्ण और साफ-सुथरी होनी चाहिए।

सवाल: दीपक की बत्ती किस दिशा में रखें?
जवाब: दीपक जलाते समय बत्ती का सिरा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखना शुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है।

Leave a Comment