नई दिल्लीः मानसूनी (Monsoon) बादलों ने मैदानों से लेकर पहाड़ों तक में खूब कहर बरपाया है, जिससे हालात खराब बन गए. कुछ दिन पहले पंजाब में बाढ़ ने ऐसा तांडव मचाया कि बड़ी संख्या में लोगों को भारी नुकसान के साथ बेघर होना पड़ा. उत्तराखंड से लेकर हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बादल फटने से तबाही मचती रही है. हिमाचल प्रदेश में तो इस बार कमाल हो रहा है.
एक बार फिर हिमाचल प्रदेश के किन्नौर में बादल फटने से तबाही मच गई. बादल थांच गांव में फटा, जहां देर रात करीब 12.10 मिनट पर हालात खराब हो गए. बादल फटने के चलते आसपास की तीन पहाड़ी नदी अचानक उफान पर पहुंच गई हैं.
इससे दो गाड़ियां बह गईं और खेतों, बगीचों और घरों को काफी नुकसान हुआ है. स्थानीय लोगों की मानें तो गांव में तेज बारिश के चलते लोगों में भय का माहौल बना हुआ है. घरों में पानी भरता देख लोग भी सुरक्षित स्थानों पर पहुंच गए हैं.
बाढ़ के पानी में बही गौशाला
हिमाचल के मस्तान गांव में घरों के कुछ हिस्सो और गौशाला में पानी भरने से हालात बिगड़ गए. कई बगीचे भी बर्बाद हो चुके हैं. स्थानीय निवासी रणवीर और तीन अन्य ग्रामीणों के घर कथित तौर पर ढहने के कगार पर दिख रहे हैं.
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एडवर्ड स्कूल के पास भूस्खलन के कारण यातायात बाधित हो गया और शहर के महत्वपूर्ण सर्कुलर रोड बाधित रहा है. इस बीच कुमारसैन के करेवथी इलाके में एक तीन मंजिला मकान भी क्षतिग्रस्त हो गया. लगाता पहाड़ों से आ रहा पानी लोगों की जिंदगी के लिए आफत बना हुआ है, जिससे हालात लगातार खराब बने हुए हैं.
अब तक कितने लोगों की मौत
इस बार हिमाचल प्रदेश में प्राक्रतिक आपदाओं ने लोगों को गहरे जख्म दिए हैं, जिन्हें भूलना काफी मुश्किल है. प्रदेश में अब तक 424 लोगों की जान चली गई है. राज्य भर में नुकसान हर दिन बढ़ता जा रहा है.
इस सप्ताह की शुरुआत में 17 सितंबर को, राज्य के कुछ इलाकों में अचानक बाढ़ आ गई. पहाड़ों पर भूस्खलन होने से चार लोगों की मौत हो ग, और आधा दर्जन लोग लापता हैं. हिमाचल प्रदेश में तीन राष्ट्रीय राजमार्गों सहित 650 से अधिक सड़कें बंद पड़ी हैं.