Chhatt Puja 2025: जैसे ही दिवाली का त्योहार निकलता है वैसे ही लोगों को छठ पूजा का बेसब्री से इंतजार रहता है। पूर्वांचल और बिहार क्षेत्र में छठ पूजा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। छठ पूजा को कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से शुरू किया जाता है और सप्तमी तिथि पर समाप्त किया जाता है।
पूजा में छठी मैया की पूजा अर्चना करने का बहुत ही विशेष महत्व माना गया है। इस दिन निर्जला व्रत किया जाता है और छठी मैया की पूजा करने पर संतान को दीर्घायु का आशीर्वाद मिलता है। ऐसे लोगों की मान्यता है और परिवार में सुख शांति भी आती है।
नहाय खाय कब है?
छठ पूजा का पहला दिन नहाय खाय होता है। इसको कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को सेलिब्रेट किया जाता है और इस बार 25 अक्टूबर को इसे मनाया जाएगा। इस दौरान कुल की देवी और सूर्य देव की पूजा होती है। दाल चावल और लौकी की सब्जी का सेवन होता है।
खरना कब है?
छठ पूजा के दूसरे दिन कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को खरना मनाया जाता है। इसको 26 अक्टूबर को सेलिब्रेट किया जाएगा। इसमें नहाने धोने के बाद छठी मैया की पूजा होती है। इसके बाद चावल की खीर का प्रसाद बनता है और यहीं से व्रत शुरू हो जाता है।
कब लगेगा सूर्य को अर्घ?
कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की सस्ती तिथि पर डूबते हुए सूर्य को अर्घ दिया जाएगा। फिर अगले दिन सप्तमी तिथि को उगते हुए सूर्य को अर्घ देने के बाद में व्रत तोड़ दिया जाएगा।
छठ पूजा का शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की सृष्टि तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर सुबह 6:04 मिनट से हो जाएगी। इसके बाद में इसका समापन 28 अक्टूबर सुबह 7:59 मिनट पर होगा।
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सूर्यास्त और सूर्योदय का वक्त
27 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 5:40 मिनट पर हो जाएगा।
28 अक्टूबर को सुबह सूर्योदय 6:30 मिनट पर होगा।