केंद्रीय कर्मचारियों की चमकी किस्मत, सरकार ने किया बड़ा बदलाव, जानें अपडेट

Central Govt Employee Update: मोदी सरकार (Modi Government) ने कुछ दिन पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) का संचालन किया था. इस स्कीम को नेशनल पेंशन सिस्टम (UPS) के तौर पर देखा जा रहा है. यूपीएस (UPS) में कर्मचारियों को ज्यादा गारंटी के साथ कई बडे फायदे मिलते हैं.

इस स्कीम में वीआरएस के नियम, गारंटीड पेंशन के भुगतान की समय-सीमा और एनपीएस से यूपीएस में स्थानांतरित होन की आखिरी तारीख भी निर्धारित की गई है. यूपीएस का उद्देश्य कर्मचारियों को सुरक्षित और सुनिश्चित पेंशन का फायदा देना होगा. इसके साथ ही रिटायरमेंट की योजना बनाने में लचीलापन भी प्रदान करना होता है. इसे आप विस्तार से जान सकते हैं. नीचे कर्मचारियों का कंफ्यूजन ही खत्म हो जाएगा.

यूपीएस में वीआरएस का ऑप्शन

सरकार की नई यूनिफाइड पेंशन स्कीम के नियमों के अनुसार, केंद्रीय सरकारी कर्मचारी जो न्यू पेंशन स्कीम से यूपीएस में शामिल रहते हैं. उन्हें 20 वर्ष की सेल पूरी होने क बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति यानी वीआरएस लेने का भी ऑप्शन मिलने वाला है.

यूपीएस के तहत कब मिलेगी पेंशन

यूनिफाइड पेंशन स्कीम कर्मचारियों के लिए किसी तरह की वरदान साबित होती है. यूपीएस के अंतर्गत पूरी गारंटीड पेंशन केवल तभी मिलेगी जब कर्मचारी ने 25 सल तक अपनी नौकरी में सेवा दी है.अगर कोई कर्मचारी 20 साल या इससे ज्यादा सर्विस पूरे करने के बाद रिटायरमेंट लेते हैं तो उसे प्रो-रेटा आधार पर पेंशन का फायदा मिलेगा.

मतलब कर्मचारी की सेवा के साल को 25 से भाग देकर जितना हिस्से निकलेगा उतना फीसदी गारंटीड पेंशन देने का काम किया जा सकता है. यह भुगतान कर्मचारी की नियमित सेवानिवृत्ति की तारीख से शुरू होने वाला है. इसके अलावा वीआरएस भी चुनने के कई फायदे हैं.

जानिए वीआरएस चुनने के क्या फायदे

क्या आपको पता है कि कर्मचारियों को अन्य फायदे भी मिलते हैं. इनमें व्यक्तिगत कोष कॉर्पस का 60 फीसदी निकालने का विकल्प, प्रत्येक छह महीने की सेवा पर मूल वेतन और महंगाई बत्ते का 1/10 हिस्सा एक मुश्त रूप में. रिटायरमेंट ग्रेच्युटी और लीव एनकैशमेंट भी शामिल है. इसके साथ ही यदि सब्सक्राइबर की मौत वीआरएस लेने के बाद लेकिन पेंशन शुरू होने से पहले होती है तो उसकी पत्नी को फैमिल पेंशन उसकी से दिन मिलने लगेगी.

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